रामायणम् — 3.20.4
Original
Segmented
किम् एतत् श्रोतुम् इच्छामि कारणम् यद्-कृते पुनः हा नाथ इति विनर्दन्ती सर्प-वत् वेष्टसे क्षितौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
किम् | किम् | pos=i |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
श्रोतुम् | श्रु | pos=vi |
इच्छामि | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
कारणम् | कारण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
यद् | यद् | pos=n,comp=y |
कृते | कृते | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
हा | हा | pos=i |
नाथ | नाथ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
इति | इति | pos=i |
विनर्दन्ती | विनर्द् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
सर्प | सर्प | pos=n,comp=y |
वत् | वत् | pos=i |
वेष्टसे | वेष्ट् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
क्षितौ | क्षिति | pos=n,g=f,c=7,n=s |