रामायणम् — 3.20.10
Original
Segmented
सा अस्मि भीता समुद्विग्ना विषण्णा च निशाचर शरणम् त्वाम् पुनः प्राप्ता सर्वतो भय-दर्शिन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
अस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
भीता | भी | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
समुद्विग्ना | समुद्विज् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
विषण्णा | विषद् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
निशाचर | निशाचर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
शरणम् | शरण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
प्राप्ता | प्राप् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
सर्वतो | सर्वतस् | pos=i |
भय | भय | pos=n,comp=y |
दर्शिन् | दर्शिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |