रामायणम् — 3.15.31
Original
Segmented
जितः स्वर्गस् तव भ्रात्रा भरतेन महात्मना वनस्थम् अपि तापस्ये यस् त्वाम् अनुविधीयते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जितः | जि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
स्वर्गस् | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
भ्रात्रा | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
भरतेन | भरत | pos=n,g=m,c=3,n=s |
महात्मना | महात्मन् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
वनस्थम् | वनस्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
तापस्ये | तापस्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
यस् | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
अनुविधीयते | अनुविधा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |