Original

स कदाचित्प्रभातायां शर्वर्यां रघुनन्दनः ।प्रययावभिषेकार्थं रम्यां गोदावरीं नदीम् ॥ २ ॥

Segmented

स कदाचित् प्रभातायाम् शर्वर्याम् रघुनन्दनः प्रययाव् अभिषेक-अर्थम् रम्याम् गोदावरीम् नदीम्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
कदाचित् कदाचिद् pos=i
प्रभातायाम् प्रभा pos=va,g=f,c=7,n=s,f=part
शर्वर्याम् शर्वरी pos=n,g=f,c=7,n=s
रघुनन्दनः रघुनन्दन pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रययाव् प्रया pos=v,p=3,n=s,l=lit
अभिषेक अभिषेक pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
रम्याम् रम्य pos=a,g=f,c=2,n=s
गोदावरीम् गोदावरी pos=n,g=f,c=2,n=s
नदीम् नदी pos=n,g=f,c=2,n=s