रामायणम् — 3.15.19
Original
Segmented
अग्राह्य-वीर्यः पूर्वाह्णे मध्याह्ने स्पर्शतः सुखः संरक्तः किंचिद् आपाण्डुः आतपः शोभते क्षितौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अग्राह्य | अग्राह्य | pos=a,comp=y |
वीर्यः | वीर्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पूर्वाह्णे | पूर्वाह्ण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
मध्याह्ने | मध्याह्न | pos=n,g=m,c=7,n=s |
स्पर्शतः | स्पर्श | pos=n,g=m,c=5,n=s |
सुखः | सुख | pos=a,g=m,c=1,n=s |
संरक्तः | संरञ्ज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आपाण्डुः | आपाण्डु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
आतपः | आतप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शोभते | शुभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
क्षितौ | क्षिति | pos=n,g=f,c=7,n=s |