Original

जटायुषं तु प्रतिपूज्य राघवो मुदा परिष्वज्य च संनतोऽभवत् ।पितुर्हि शुश्राव सखित्वमात्मवाञ्जटायुषा संकथितं पुनः पुनः ॥ ३५ ॥

Segmented

जटायुषम् तु प्रतिपूज्य राघवो मुदा परिष्वज्य च संनतो ऽभवत् पितुः हि शुश्राव सखित्वम् आत्मवाञ् जटायुषा संकथितम् पुनः पुनः

Analysis

Word Lemma Parse
जटायुषम् जटायुष pos=n,g=m,c=2,n=s
तु तु pos=i
प्रतिपूज्य प्रतिपूजय् pos=vi
राघवो राघव pos=n,g=m,c=1,n=s
मुदा मुद् pos=n,g=f,c=3,n=s
परिष्वज्य परिष्वज् pos=vi
pos=i
संनतो संनम् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ऽभवत् भू pos=v,p=3,n=s,l=lan
पितुः पितृ pos=n,g=m,c=6,n=s
हि हि pos=i
शुश्राव श्रु pos=v,p=3,n=s,l=lit
सखित्वम् सखित्व pos=n,g=n,c=2,n=s
आत्मवाञ् आत्मवत् pos=a,g=m,c=1,n=s
जटायुषा जटायुस् pos=n,g=m,c=3,n=s
संकथितम् संकथय् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
पुनः पुनर् pos=i
पुनः पुनर् pos=i