रामायणम् — 3.12.22
Original
Segmented
ततः स्थलम् उपारुह्य पर्वतस्य अविदूरात् ख्यातः पञ्चवटी इति एव नित्य-पुष्पित-काननः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
स्थलम् | स्थल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उपारुह्य | उपारुह् | pos=vi |
पर्वतस्य | पर्वत | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अविदूरात् | अविदूर | pos=n,g=n,c=5,n=s |
ख्यातः | ख्या | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
पञ्चवटी | पञ्चवटी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
एव | एव | pos=i |
नित्य | नित्य | pos=a,comp=y |
पुष्पित | पुष्पित | pos=a,comp=y |
काननः | कानन | pos=n,g=m,c=1,n=s |