रामायणम् — 3.11.8
Original
Segmented
द्रष्टुम् भवन्तम् आयातौ शुश्रूषा-अर्थम् अरिंदमौ यद् अत्र अनन्तरम् तत् त्वम् आज्ञापयितुम् अर्हसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
द्रष्टुम् | दृश् | pos=vi |
भवन्तम् | भवत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
आयातौ | आया | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |
शुश्रूषा | शुश्रूषा | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अरिंदमौ | अरिंदम | pos=a,g=m,c=1,n=d |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अत्र | अत्र | pos=i |
अनन्तरम् | अनन्तर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
आज्ञापयितुम् | आज्ञापय् | pos=vi |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |