रामायणम् — 3.11.15
Original
Segmented
तम् शिष्यः प्रश्रितम् वाक्यम् अगस्त्य-वचनम् ब्रुवन् प्रावेशयद् यथान्यायम् सत्कार-अर्थम् सु सत्कृतम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शिष्यः | शिष्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रश्रितम् | प्रश्रित | pos=a,g=n,c=2,n=s |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अगस्त्य | अगस्त्य | pos=n,comp=y |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ब्रुवन् | ब्रू | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
प्रावेशयद् | प्रवेशय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
यथान्यायम् | यथान्यायम् | pos=i |
सत्कार | सत्कार | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सु | सु | pos=i |
सत्कृतम् | सत्कृ | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |