रामायणम् — 3.10.85
Original
Segmented
एष लोक-अर्चितः साधुः हिते नित्यम् रतः सताम् अस्मान् अधिगतान् एष श्रेयसा योजयिष्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
अर्चितः | अर्चय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
साधुः | साधु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
हिते | हित | pos=n,g=n,c=7,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
रतः | रम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
सताम् | सत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
अस्मान् | मद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अधिगतान् | अधिगम् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
श्रेयसा | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
योजयिष्यति | योजय् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |