रामायणम् — 3.10.17
Original
Segmented
तत्र एव अप्सरसः पञ्च निवसन्त्यो यथासुखम् रमयन्ति तपः-योगात् मुनिम् यौवनम् आस्थितम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तत्र | तत्र | pos=i |
एव | एव | pos=i |
अप्सरसः | अप्सरस् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
पञ्च | पञ्चन् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
निवसन्त्यो | निवस् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
यथासुखम् | यथासुखम् | pos=i |
रमयन्ति | रमय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
तपः | तपस् | pos=n,comp=y |
योगात् | योग | pos=n,g=m,c=5,n=s |
मुनिम् | मुनि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
यौवनम् | यौवन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आस्थितम् | आस्था | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |