Original

कुशचीरपरिक्षिप्तं ब्राह्म्या लक्ष्म्या समावृतम् ।यथा प्रदीप्तं दुर्धर्शं गगने सूर्यमण्डलम् ॥ २ ॥

Segmented

कुश-चीर-परिक्षिप्तम् ब्राह्म्या लक्ष्म्या समावृतम्

Analysis

Word Lemma Parse
कुश कुश pos=n,comp=y
चीर चीर pos=n,comp=y
परिक्षिप्तम् परिक्षिप् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
ब्राह्म्या ब्राह्म pos=a,g=f,c=3,n=s
लक्ष्म्या लक्ष्मी pos=n,g=f,c=3,n=s
समावृतम् समावृ pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part