रामायणम् — 2.99.18
Original
Segmented
छायाम् ते दिनकर-भास् प्रबाधमानम् वर्षत्रम् भरत करोतु मूर्ध्नि शीताम् एतेषाम् अहम् अपि कानन-द्रुमाणाम् छायाम् ताम् अतिशयिनीम् सुखम् श्रयिष्ये
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
छायाम् | छाया | pos=n,g=f,c=2,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
दिनकर | दिनकर | pos=n,comp=y |
भास् | भास् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
प्रबाधमानम् | प्रबाध् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
वर्षत्रम् | वर्षत्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
भरत | भरत | pos=n,g=m,c=8,n=s |
करोतु | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
मूर्ध्नि | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
शीताम् | शीत | pos=a,g=f,c=2,n=s |
एतेषाम् | एतद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
कानन | कानन | pos=n,comp=y |
द्रुमाणाम् | द्रुम | pos=n,g=m,c=6,n=p |
छायाम् | छाया | pos=n,g=f,c=2,n=s |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अतिशयिनीम् | अतिशयिन् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
सुखम् | सुखम् | pos=i |
श्रयिष्ये | श्रि | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |