Original

ऋणान्मोचय राजानं मत्कृते भरत प्रभुम् ।पितरं त्राहि धर्मज्ञ मातरं चाभिनन्दय ॥ १० ॥

Segmented

ऋणान् मोचय राजानम् मद्-कृते भरत प्रभुम् पितरम् त्राहि धर्म-ज्ञ मातरम् च अभिनन्दय

Analysis

Word Lemma Parse
ऋणान् ऋण pos=n,g=n,c=5,n=s
मोचय मोचय् pos=v,p=2,n=s,l=lot
राजानम् राजन् pos=n,g=m,c=2,n=s
मद् मद् pos=n,comp=y
कृते कृते pos=i
भरत भरत pos=n,g=m,c=8,n=s
प्रभुम् प्रभु pos=a,g=m,c=2,n=s
पितरम् पितृ pos=n,g=m,c=2,n=s
त्राहि त्रा pos=v,p=2,n=s,l=lot
धर्म धर्म pos=n,comp=y
ज्ञ ज्ञ pos=a,g=m,c=8,n=s
मातरम् मातृ pos=n,g=f,c=2,n=s
pos=i
अभिनन्दय अभिनन्दय् pos=v,p=2,n=s,l=lot