Original

स जीर्णं मानुषं देहं परित्यज्य पिता हि नः ।दैवीमृद्धिमनुप्राप्तो ब्रह्मलोकविहारिणीम् ॥ ३४ ॥

Segmented

स जीर्णम् मानुषम् देहम् परित्यज्य पिता हि नः दैवीम् ऋद्धिम् अनुप्राप्तो ब्रह्म-लोक-विहारिन्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
जीर्णम् जृ pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
मानुषम् मानुष pos=a,g=m,c=2,n=s
देहम् देह pos=n,g=m,c=2,n=s
परित्यज्य परित्यज् pos=vi
पिता पितृ pos=n,g=m,c=1,n=s
हि हि pos=i
नः मद् pos=n,g=,c=6,n=p
दैवीम् दैव pos=a,g=f,c=2,n=s
ऋद्धिम् ऋद्धि pos=n,g=f,c=2,n=s
अनुप्राप्तो अनुप्राप् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ब्रह्म ब्रह्मन् pos=n,comp=y
लोक लोक pos=n,comp=y
विहारिन् विहारिन् pos=a,g=f,c=2,n=s