Original

यावत्पितरि धर्मज्ञ गौरवं लोकसत्कृते ।तावद्धर्मभृतां श्रेष्ठ जनन्यामपि गौरवम् ॥ १८ ॥

Segmented

यावत् पितरि धर्म-ज्ञ गौरवम् लोक-सत्कृते तावद् धर्म-भृताम् श्रेष्ठ जनन्याम् अपि गौरवम्

Analysis

Word Lemma Parse
यावत् यावत् pos=i
पितरि पितृ pos=n,g=m,c=7,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
ज्ञ ज्ञ pos=a,g=m,c=8,n=s
गौरवम् गौरव pos=n,g=n,c=1,n=s
लोक लोक pos=n,comp=y
सत्कृते सत्कृ pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
तावद् तावत् pos=i
धर्म धर्म pos=n,comp=y
भृताम् भृत् pos=a,g=m,c=6,n=p
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
जनन्याम् जननी pos=n,g=f,c=7,n=s
अपि अपि pos=i
गौरवम् गौरव pos=n,g=n,c=1,n=s