Original

तां परिष्वज्य दुःखार्तां माता दुहितरं यथा ।वनवासकृशां दीनां कौसल्या वाक्यमब्रवीत् ॥ २० ॥

Segmented

ताम् परिष्वज्य दुःख-आर्ताम् माता दुहितरम् यथा वन-वास-कृशाम् दीनाम् कौसल्या वाक्यम् अब्रवीत्

Analysis

Word Lemma Parse
ताम् तद् pos=n,g=f,c=2,n=s
परिष्वज्य परिष्वज् pos=vi
दुःख दुःख pos=n,comp=y
आर्ताम् आर्त pos=a,g=f,c=2,n=s
माता मातृ pos=n,g=f,c=1,n=s
दुहितरम् दुहितृ pos=n,g=f,c=2,n=s
यथा यथा pos=i
वन वन pos=n,comp=y
वास वास pos=n,comp=y
कृशाम् कृश pos=a,g=f,c=2,n=s
दीनाम् दीन pos=a,g=f,c=2,n=s
कौसल्या कौसल्या pos=n,g=f,c=1,n=s
वाक्यम् वाक्य pos=n,g=n,c=2,n=s
अब्रवीत् ब्रू pos=v,p=3,n=s,l=lan