रामायणम् — 2.94.37
Original
Segmented
कच्चिच् चैत्य-शतैः जुष्टः सु निविष्ट-जन-आकुलः देव-स्थानैः प्रपाभिः च तडागैः च उपशोभितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कच्चिच् | कच्चित् | pos=i |
चैत्य | चैत्य | pos=n,comp=y |
शतैः | शत | pos=n,g=n,c=3,n=p |
जुष्टः | जुष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
सु | सु | pos=i |
निविष्ट | निविश् | pos=va,comp=y,f=part |
जन | जन | pos=n,comp=y |
आकुलः | आकुल | pos=a,g=m,c=1,n=s |
देव | देव | pos=n,comp=y |
स्थानैः | स्थान | pos=n,g=n,c=3,n=p |
प्रपाभिः | प्रपा | pos=n,g=f,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
तडागैः | तडाग | pos=n,g=n,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
उपशोभितः | उपशोभय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |