रामायणम् — 2.94.17
Original
Segmented
कच्चित् सहस्रान् मूर्खाणाम् एकम् इच्छसि पण्डितम् पण्डितो ह्य् अर्थ-कृच्छ्रेषु कुर्यान् निःश्रेयसम् महत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कच्चित् | कच्चित् | pos=i |
सहस्रान् | सहस्र | pos=n,g=n,c=5,n=s |
मूर्खाणाम् | मूर्ख | pos=a,g=m,c=6,n=p |
एकम् | एक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इच्छसि | इष् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
पण्डितम् | पण्डित | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पण्डितो | पण्डित | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ह्य् | हि | pos=i |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
कृच्छ्रेषु | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=7,n=p |
कुर्यान् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
निःश्रेयसम् | निःश्रेयस | pos=n,g=n,c=2,n=s |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |