रामायणम् — 2.93.41
Original
Segmented
तान् पार्थिवान् वारण-यूथप-आभान् समागतांस् तत्र महत्य् अरण्ये वनौकसस् ते ऽपि समीक्ष्य सर्वे ऽप्य् अश्रूण्य् अमुञ्चन् प्रविहाय हर्षम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
पार्थिवान् | पार्थिव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
वारण | वारण | pos=n,comp=y |
यूथप | यूथप | pos=n,comp=y |
आभान् | आभ | pos=a,g=m,c=2,n=p |
समागतांस् | समागम् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
तत्र | तत्र | pos=i |
महत्य् | महत् | pos=a,g=n,c=7,n=s |
अरण्ये | अरण्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
वनौकसस् | वनौकस् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ऽपि | अपि | pos=i |
समीक्ष्य | समीक्ष् | pos=vi |
सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ऽप्य् | अपि | pos=i |
अश्रूण्य् | अश्रु | pos=n,g=n,c=2,n=p |
अमुञ्चन् | मुच् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
प्रविहाय | प्रविहा | pos=vi |
हर्षम् | हर्ष | pos=n,g=m,c=2,n=s |