रामायणम् — 2.93.38
Original
Segmented
बाष्प-अपिहित-कण्ठः च प्रेक्ष्य रामम् यशस्विनम् आर्य इति एव अभिसंक्रुश्य व्याहर्तुम् न अशकत् ततः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
बाष्प | बाष्प | pos=n,comp=y |
अपिहित | अपिधा | pos=va,comp=y,f=part |
कण्ठः | कण्ठ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
प्रेक्ष्य | प्रेक्ष् | pos=vi |
रामम् | राम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
यशस्विनम् | यशस्विन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
आर्य | आर्य | pos=a,g=m,c=8,n=s |
इति | इति | pos=i |
एव | एव | pos=i |
अभिसंक्रुश्य | अभिसंक्रुश् | pos=vi |
व्याहर्तुम् | व्याहृ | pos=vi |
न | न | pos=i |
अशकत् | शक् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
ततः | ततस् | pos=i |