रामायणम् — 2.93.16
Original
Segmented
इति लोक-समाक्रुष्टः पादेष्व् अद्य प्रसादयन् रामस्य निपतिष्यामि सीतायाः च पुनः पुनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इति | इति | pos=i |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
समाक्रुष्टः | समाक्रुश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
पादेष्व् | पाद | pos=n,g=m,c=7,n=p |
अद्य | अद्य | pos=i |
प्रसादयन् | प्रसादय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
रामस्य | राम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
निपतिष्यामि | निपत् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
सीतायाः | सीता | pos=n,g=f,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |