रामायणम् — 2.9.18
Original
Segmented
न त्वाम् क्रोधयितुम् शक्तो न क्रुद्धाम् प्रत्युदीक्षितुम् तव प्रिय-अर्थम् राजा हि प्राणान् अपि परित्यजेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
क्रोधयितुम् | क्रोधय् | pos=vi |
शक्तो | शक् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
क्रुद्धाम् | क्रुध् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
प्रत्युदीक्षितुम् | प्रत्युदीक्ष् | pos=vi |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
प्राणान् | प्राण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
परित्यजेत् | परित्यज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |