रामायणम् — 2.88.7
Original
Segmented
नाना मृग-गण-द्वीपि-तरक्षु-ऋक्ष-गणैः वृतः अदुष्टैः भात्य् अयम् शैलो बहु-पक्षि-समाकुलः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नाना | नाना | pos=i |
मृग | मृग | pos=n,comp=y |
गण | गण | pos=n,comp=y |
द्वीपि | द्वीपिन् | pos=n,comp=y |
तरक्षु | तरक्षु | pos=n,comp=y |
ऋक्ष | ऋक्ष | pos=n,comp=y |
गणैः | गण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
वृतः | वृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
अदुष्टैः | अदुष्ट | pos=a,g=m,c=3,n=p |
भात्य् | भा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शैलो | शैल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
बहु | बहु | pos=a,comp=y |
पक्षि | पक्षिन् | pos=n,comp=y |
समाकुलः | समाकुल | pos=a,g=m,c=1,n=s |