रामायणम् — 2.87.4
Original
Segmented
सागर-ओघ-निभा सेना भरतस्य महात्मनः महीम् संछादयामास प्रावृषि द्याम् इव अम्बुदः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सागर | सागर | pos=n,comp=y |
ओघ | ओघ | pos=n,comp=y |
निभा | निभ | pos=a,g=f,c=1,n=s |
सेना | सेना | pos=n,g=f,c=1,n=s |
भरतस्य | भरत | pos=n,g=m,c=6,n=s |
महात्मनः | महात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
महीम् | मही | pos=n,g=f,c=2,n=s |
संछादयामास | संछादय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
प्रावृषि | प्रावृष् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
द्याम् | दिव् | pos=n,g=,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
अम्बुदः | अम्बुद | pos=n,g=m,c=1,n=s |