रामायणम् — 2.86.10
Original
Segmented
भरतैः अर्ध-तृतीयेषु योजनेष्व् अजने वने चित्रकूटो गिरिस् तत्र रम्य-निर्दर-काननः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भरतैः | भरत | pos=n,g=m,c=8,n=s |
अर्ध | अर्ध | pos=a,comp=y |
तृतीयेषु | तृतीय | pos=a,g=n,c=7,n=p |
योजनेष्व् | योजन | pos=n,g=n,c=7,n=p |
अजने | अजन | pos=a,g=n,c=7,n=s |
वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
चित्रकूटो | चित्रकूट | pos=n,g=m,c=1,n=s |
गिरिस् | गिरि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
रम्य | रम्य | pos=a,comp=y |
निर्दर | निर्दर | pos=n,comp=y |
काननः | कानन | pos=n,g=m,c=1,n=s |