रामायणम् — 2.85.15
Original
Segmented
घृताचीम् अथ विश्वाचीम् मिश्रकेशीम् अलम्बुसाम् शक्रम् याः च उपतिष्ठन्ति ब्रह्माणम् याः च भामिनीः सर्वास् तुम्बुरुणा सार्धम् आह्वये स परिच्छदाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
घृताचीम् | घृताची | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अथ | अथ | pos=i |
विश्वाचीम् | विश्वाचि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
मिश्रकेशीम् | मिश्रकेशी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अलम्बुसाम् | अलम्बुसा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
शक्रम् | शक्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
याः | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
उपतिष्ठन्ति | उपस्था | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
ब्रह्माणम् | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
याः | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
भामिनीः | भामिनी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
सर्वास् | सर्व | pos=n,g=f,c=2,n=p |
तुम्बुरुणा | तुम्बुरु | pos=n,g=m,c=3,n=s |
सार्धम् | सार्धम् | pos=i |
आह्वये | आह्वा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
स | स | pos=i |
परिच्छदाः | परिच्छद | pos=n,g=f,c=2,n=p |