रामायणम् — 2.81.22
Original
Segmented
नियम्य पृष्ठे तु तल-अङ्गुलित्रवत् शरैः सु पूर्णौ इषुधि परंतपः महद् धनुः सज्यम् उपोह्य लक्ष्मणो निशाम् अतिष्ठत् परितो ऽस्य केवलम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नियम्य | नियम् | pos=vi |
पृष्ठे | पृष्ठ | pos=n,g=n,c=7,n=s |
तु | तु | pos=i |
तल | तल | pos=n,comp=y |
अङ्गुलित्रवत् | अङ्गुलित्रवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
शरैः | शर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सु | सु | pos=i |
पूर्णौ | पृ | pos=va,g=m,c=2,n=d,f=part |
इषुधि | इषुधि | pos=n,g=m,c=2,n=d |
परंतपः | परंतप | pos=a,g=m,c=1,n=s |
महद् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
धनुः | धनुस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
सज्यम् | सज्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
उपोह्य | उपवह् | pos=vi |
लक्ष्मणो | लक्ष्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
निशाम् | निशा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अतिष्ठत् | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
परितो | परितस् | pos=i |
ऽस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
केवलम् | केवलम् | pos=i |