रामायणम् — 2.80.4
Original
Segmented
धर्म-आत्मन् तस्य गुप्ति-अर्थम् जागरिष्यामहे वयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
आत्मन् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
गुप्ति | गुप्ति | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
जागरिष्यामहे | जागृ | pos=v,p=1,n=p,l=lrt |
वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |