Original

इयं तात सुखा शय्या त्वदर्थमुपकल्पिता ।प्रत्याश्वसिहि शेष्वास्यां सुखं राघवनन्दन ॥ ३ ॥

Segmented

इयम् तात सुखा शय्या त्वद्-अर्थम् उपकल्पिता प्रत्याश्वसिहि शेष्व अस्याम् सुखम् राघव-नन्दन

Analysis

Word Lemma Parse
इयम् इदम् pos=n,g=f,c=1,n=s
तात तात pos=n,g=m,c=8,n=s
सुखा सुख pos=a,g=f,c=1,n=s
शय्या शय्या pos=n,g=f,c=1,n=s
त्वद् त्वद् pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
उपकल्पिता उपकल्पय् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
प्रत्याश्वसिहि प्रत्याश्वस् pos=v,p=2,n=s,l=lot
शेष्व शी pos=v,p=2,n=s,l=lot
अस्याम् इदम् pos=n,g=f,c=7,n=s
सुखम् सुखम् pos=i
राघव राघव pos=n,comp=y
नन्दन नन्दन pos=n,g=m,c=8,n=s