रामायणम् — 2.8.27
Original
Segmented
यदा हि रामः पृथिवीम् अवाप्स्यति ध्रुवम् प्रनष्टो भरतो भविष्यति अतो हि संचिन्तय राज्यम् आत्मजे परस्य च अद्य एव विवास-कारणम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
हि | हि | pos=i |
रामः | राम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पृथिवीम् | पृथिवी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अवाप्स्यति | अवाप् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
ध्रुवम् | ध्रुवम् | pos=i |
प्रनष्टो | प्रणश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भरतो | भरत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
अतो | अतस् | pos=i |
हि | हि | pos=i |
संचिन्तय | संचिन्तय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
राज्यम् | राज्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आत्मजे | आत्मज | pos=n,g=m,c=7,n=s |
परस्य | पर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
अद्य | अद्य | pos=i |
एव | एव | pos=i |
विवास | विवास | pos=n,comp=y |
कारणम् | कारण | pos=n,g=n,c=2,n=s |