Original

शात कुम्भमयीं रम्यां मणिरत्नसमाकुलाम् ।सुधर्मामिव धर्मात्मा सगणः प्रत्यपद्यत ॥ ९ ॥

Segmented

शातकुम्भ-मयीम् रम्याम् मणि-रत्न-समाकुलाम् सुधर्माम् इव धर्म-आत्मा स गणः प्रत्यपद्यत

Analysis

Word Lemma Parse
शातकुम्भ शातकुम्भ pos=n,comp=y
मयीम् मय pos=a,g=f,c=2,n=s
रम्याम् रम्य pos=a,g=f,c=2,n=s
मणि मणि pos=n,comp=y
रत्न रत्न pos=n,comp=y
समाकुलाम् समाकुल pos=a,g=f,c=2,n=s
सुधर्माम् सुधर्मा pos=n,g=f,c=2,n=s
इव इव pos=i
धर्म धर्म pos=n,comp=y
आत्मा आत्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
गणः गण pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रत्यपद्यत प्रतिपद् pos=v,p=3,n=s,l=lan