रामायणम् — 2.72.9
Original
Segmented
शत्रुघ्नः च तद् आज्ञाय वचनम् भृश-दुःखितः अन्तःपुरचरान् सर्वान् इत्य् उवाच धृत-व्रतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शत्रुघ्नः | शत्रुघ्न | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आज्ञाय | आज्ञा | pos=vi |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
भृश | भृश | pos=a,comp=y |
दुःखितः | दुःखित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अन्तःपुरचरान् | अन्तःपुरचर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
सर्वान् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
इत्य् | इति | pos=i |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
धृत | धृ | pos=va,comp=y,f=part |
व्रतः | व्रत | pos=n,g=m,c=1,n=s |