रामायणम् — 2.71.22
Original
Segmented
त्रीणि द्वंद्वानि भूतेषु प्रवृत्तान्य् अविशेषतः तेषु च अपरिहार्येषु न एवम् भवितुम् अर्हति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्रीणि | त्रि | pos=n,g=n,c=1,n=p |
द्वंद्वानि | द्वंद्व | pos=n,g=n,c=1,n=p |
भूतेषु | भूत | pos=n,g=n,c=7,n=p |
प्रवृत्तान्य् | प्रवृत् | pos=va,g=n,c=1,n=p,f=part |
अविशेषतः | अविशेषतस् | pos=i |
तेषु | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=p |
च | च | pos=i |
अपरिहार्येषु | अपरिहार्य | pos=a,g=n,c=7,n=p |
न | न | pos=i |
एवम् | एवम् | pos=i |
भवितुम् | भू | pos=vi |
अर्हति | अर्ह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |