Original

पितरि स्वर्गमापन्ने रामे चारण्यमाश्रिते ।किं मे जीवित सामर्थ्यं प्रवेक्ष्यामि हुताशनम् ॥ १७ ॥

Segmented

पितरि स्वर्गम् आपन्ने रामे च अरण्यम् आश्रिते किम् मे जीवित-सामर्थ्यम् प्रवेक्ष्यामि हुताशनम्

Analysis

Word Lemma Parse
पितरि पितृ pos=n,g=m,c=7,n=s
स्वर्गम् स्वर्ग pos=n,g=m,c=2,n=s
आपन्ने आपद् pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
रामे राम pos=n,g=m,c=7,n=s
pos=i
अरण्यम् अरण्य pos=n,g=n,c=2,n=s
आश्रिते आश्रि pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=4,n=s
जीवित जीवित pos=n,comp=y
सामर्थ्यम् सामर्थ्य pos=n,g=n,c=1,n=s
प्रवेक्ष्यामि प्रविश् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
हुताशनम् हुताशन pos=n,g=m,c=2,n=s