रामायणम् — 2.7.4
Original
Segmented
अविदूरे स्थिताम् दृष्ट्वा धात्रीम् पप्रच्छ मन्थरा उत्तमेन अभिसंयुक्ता हर्षेन अर्थ-परा सती
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अविदूरे | अविदूर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
स्थिताम् | स्था | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
धात्रीम् | धात्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |
पप्रच्छ | प्रच्छ् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मन्थरा | मन्थरा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
उत्तमेन | उत्तम | pos=a,g=m,c=3,n=s |
अभिसंयुक्ता | अभिसंयुज् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
हर्षेन | हर्ष | pos=n,g=m,c=3,n=s |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
परा | पर | pos=n,g=f,c=1,n=s |
सती | सती | pos=n,g=f,c=1,n=s |