Original

अविदूरे स्थितां दृष्ट्वा धात्रीं पप्रच्छ मन्थरा ।उत्तमेनाभिसंयुक्ता हर्षेणार्थपरा सती ॥ ४ ॥

Segmented

अविदूरे स्थिताम् दृष्ट्वा धात्रीम् पप्रच्छ मन्थरा उत्तमेन अभिसंयुक्ता हर्षेन अर्थ-परा सती

Analysis

Word Lemma Parse
अविदूरे अविदूर pos=n,g=n,c=7,n=s
स्थिताम् स्था pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
धात्रीम् धात्री pos=n,g=f,c=2,n=s
पप्रच्छ प्रच्छ् pos=v,p=3,n=s,l=lit
मन्थरा मन्थरा pos=n,g=f,c=1,n=s
उत्तमेन उत्तम pos=a,g=m,c=3,n=s
अभिसंयुक्ता अभिसंयुज् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
हर्षेन हर्ष pos=n,g=m,c=3,n=s
अर्थ अर्थ pos=n,comp=y
परा पर pos=n,g=f,c=1,n=s
सती सती pos=n,g=f,c=1,n=s