रामायणम् — 2.7.22
Original
Segmented
अपवाह्य स दुष्ट-आत्मा भरतम् तव बन्धुषु काल्यम् स्थापयिता रामम् राज्ये निहत-कण्टके
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अपवाह्य | अपवाहय् | pos=vi |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दुष्ट | दुष् | pos=va,comp=y,f=part |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भरतम् | भरत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
बन्धुषु | बन्धु | pos=n,g=m,c=7,n=p |
काल्यम् | काल्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
स्थापयिता | स्थापयितृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
रामम् | राम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
राज्ये | राज्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
निहत | निहन् | pos=va,comp=y,f=part |
कण्टके | कण्टक | pos=n,g=n,c=7,n=s |