रामायणम् — 2.69.25
Original
Segmented
उभे संध्ये शयानस्य यत् पापम् परिकल्प्यते तच् च पापम् भवेत् तस्य यस्य आर्यः ऽनुमते गतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उभे | उभ् | pos=n,g=f,c=2,n=d |
संध्ये | संध्या | pos=n,g=f,c=2,n=d |
शयानस्य | शी | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=1,n=s |
परिकल्प्यते | परिकल्पय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तच् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
आर्यः | आर्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ऽनुमते | अनुमत | pos=n,g=n,c=7,n=s |
गतः | गम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |