रामायणम् — 2.65.27
Original
Segmented
ताम् शून्य-शृङ्गाटक-वेश्म-रथ्याम् रजः-अरुण-द्वार-कपाट-यन्त्राम् दृष्ट्वा पुरीम् इन्द्र-पुरी-प्रकाशाम् दुःखेन सम्पूर्णतरो बभूव
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
शून्य | शून्य | pos=a,comp=y |
शृङ्गाटक | शृङ्गाटक | pos=n,comp=y |
वेश्म | वेश्मन् | pos=n,comp=y |
रथ्याम् | रथ्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
रजः | रजस् | pos=n,comp=y |
अरुण | अरुण | pos=a,comp=y |
द्वार | द्वार | pos=n,comp=y |
कपाट | कपाट | pos=n,comp=y |
यन्त्राम् | यन्त्र | pos=n,g=f,c=2,n=s |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
पुरीम् | पुरी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,comp=y |
पुरी | पुरी | pos=n,comp=y |
प्रकाशाम् | प्रकाश | pos=n,g=f,c=2,n=s |
दुःखेन | दुःख | pos=n,g=n,c=3,n=s |
सम्पूर्णतरो | सम्पूर्णतर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
बभूव | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |