रामायणम् — 2.65.23
Original
Segmented
स त्व् अनेक-अग्र-हृदयः द्वाःस्थम् प्रत्यर्च्य तम् जनम् सूतम् अश्वपतेः क्लान्तम् अब्रवीत् तत्र राघवः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्व् | तु | pos=i |
अनेक | अनेक | pos=a,comp=y |
अग्र | अग्र | pos=n,comp=y |
हृदयः | हृदय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
द्वाःस्थम् | द्वाःस्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रत्यर्च्य | प्रत्यर्चय् | pos=vi |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
जनम् | जन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सूतम् | सूत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अश्वपतेः | अश्वपति | pos=n,g=m,c=6,n=s |
क्लान्तम् | क्लम् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तत्र | तत्र | pos=i |
राघवः | राघव | pos=n,g=m,c=1,n=s |