रामायणम् — 2.63.16
Original
Segmented
नरो यानेन यः स्वप्ने खर-युक्तेन याति हि अचिरात् तस्य धूम-अग्रम् चितायाम् सम्प्रदृश्यते एतद्-निमित्तम् दीनो ऽहम् तन् न वः प्रतिपूजये
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नरो | नर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यानेन | यान | pos=n,g=n,c=3,n=s |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्वप्ने | स्वप्न | pos=n,g=m,c=7,n=s |
खर | खर | pos=n,comp=y |
युक्तेन | युज् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
याति | या | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
हि | हि | pos=i |
अचिरात् | अचिरात् | pos=i |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
धूम | धूम | pos=n,comp=y |
अग्रम् | अग्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
चितायाम् | चिता | pos=n,g=f,c=7,n=s |
सम्प्रदृश्यते | सम्प्रदृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
एतद् | एतद् | pos=n,comp=y |
निमित्तम् | निमित्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
दीनो | दीन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
तन् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
वः | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=p |
प्रतिपूजये | प्रतिपूजय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |