रामायणम् — 2.62.15
Original
Segmented
भर्तुः प्रिय-अर्थम् कुल-रक्षण-अर्थम् भर्तुः च वंशस्य परिग्रह-अर्थम् अहेडमानास् त्वरया स्म दूता रात्र्याम् तु ते तत् पुरम् एव याताः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भर्तुः | भर्तृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कुल | कुल | pos=n,comp=y |
रक्षण | रक्षण | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
भर्तुः | भर्तृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
वंशस्य | वंश | pos=n,g=m,c=6,n=s |
परिग्रह | परिग्रह | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अहेडमानास् | अहेडमान | pos=a,g=m,c=1,n=p |
त्वरया | त्वरा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
स्म | स्म | pos=i |
दूता | दूत | pos=n,g=m,c=1,n=p |
रात्र्याम् | रात्रि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
तु | तु | pos=i |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पुरम् | पुर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
याताः | या | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |