रामायणम् — 2.6.27
Original
Segmented
जन-ओघैः तैः विसर्पद्भिः शुश्रुवे तत्र निस्वनः पर्वसु उदीर्ण-वेगस्य सागरस्य इव निस्वनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जन | जन | pos=n,comp=y |
ओघैः | ओघ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
विसर्पद्भिः | विसृप् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
शुश्रुवे | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तत्र | तत्र | pos=i |
निस्वनः | निस्वन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पर्वसु | पर्वन् | pos=n,g=n,c=7,n=p |
उदीर्ण | उदीर् | pos=va,comp=y,f=part |
वेगस्य | वेग | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सागरस्य | सागर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
इव | इव | pos=i |
निस्वनः | निस्वन | pos=n,g=m,c=1,n=s |