रामायणम् — 2.58.1
Original
Segmented
तद् अज्ञानान् महत् पापम् कृत्वा संकुलित-इन्द्रियः एकस् त्व् अचिन्तयम् बुद्ध्या कथम् नु सुकृतम् भवेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अज्ञानान् | अज्ञान | pos=n,g=n,c=5,n=s |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
संकुलित | संकुलित | pos=a,comp=y |
इन्द्रियः | इन्द्रिय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
एकस् | एक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्व् | तु | pos=i |
अचिन्तयम् | चिन्तय् | pos=v,p=1,n=s,l=lan |
बुद्ध्या | बुद्धि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
कथम् | कथम् | pos=i |
नु | नु | pos=i |
सुकृतम् | सुकृत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |