Original

राजा तु रजसा सूतं ध्वस्ताङ्गं समुपस्थितम् ।अश्रुपूर्णमुखं दीनमुवाच परमार्तवत् ॥ ३ ॥

Segmented

राजा तु रजसा सूतम् ध्वस्त-अङ्गम् समुपस्थितम् अश्रु-पूर्ण-मुखम् दीनम् उवाच परम-आर्त-वत्

Analysis

Word Lemma Parse
राजा राजन् pos=n,g=m,c=1,n=s
तु तु pos=i
रजसा रजस् pos=n,g=n,c=3,n=s
सूतम् सूत pos=n,g=m,c=2,n=s
ध्वस्त ध्वंस् pos=va,comp=y,f=part
अङ्गम् अङ्ग pos=n,g=m,c=2,n=s
समुपस्थितम् समुपस्था pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
अश्रु अश्रु pos=n,comp=y
पूर्ण पृ pos=va,comp=y,f=part
मुखम् मुख pos=n,g=m,c=2,n=s
दीनम् दीन pos=a,g=m,c=2,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
परम परम pos=a,comp=y
आर्त आर्त pos=a,comp=y
वत् वत् pos=i