रामायणम् — 2.47.18
Original
Segmented
क्षुद्र-कर्मा हि कैकेयी द्वेषाद् अन्याय्यम् आचरेत् परिदद्या हि धर्म-ज्ञे भरते मम मातरम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
क्षुद्र | क्षुद्र | pos=a,comp=y |
कर्मा | कर्मन् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
कैकेयी | कैकेयी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
द्वेषाद् | द्वेष | pos=n,g=m,c=5,n=s |
अन्याय्यम् | अन्याय्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
आचरेत् | आचर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
परिदद्या | परिदा | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
हि | हि | pos=i |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
ज्ञे | ज्ञ | pos=a,g=m,c=7,n=s |
भरते | भरत | pos=n,g=m,c=7,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
मातरम् | मातृ | pos=n,g=f,c=2,n=s |