Original

गतं तु गङ्गापरपारमाशु रामं सुमन्त्रः प्रततं निरीक्ष्य ।अध्वप्रकर्षाद्विनिवृत्तदृष्टिर्मुमोच बाष्पं व्यथितस्तपस्वी ॥ ७८ ॥

Segmented

गतम् तु गङ्गा-अपर-पारम् आशु रामम् सुमन्त्रः प्रततम् निरीक्ष्य अध्व-प्रकर्षात् विनिवृत्त-दृष्टिः मुमोच बाष्पम् व्यथितस् तपस्वी

Analysis

Word Lemma Parse
गतम् गम् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
तु तु pos=i
गङ्गा गङ्गा pos=n,comp=y
अपर अपर pos=n,comp=y
पारम् पार pos=n,g=m,c=2,n=s
आशु आशु pos=i
रामम् राम pos=n,g=m,c=2,n=s
सुमन्त्रः सुमन्त्र pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रततम् प्रतन् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
निरीक्ष्य निरीक्ष् pos=vi
अध्व अध्वन् pos=n,comp=y
प्रकर्षात् प्रकर्ष pos=n,g=m,c=5,n=s
विनिवृत्त विनिवृत् pos=va,comp=y,f=part
दृष्टिः दृष्टि pos=n,g=m,c=1,n=s
मुमोच मुच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
बाष्पम् बाष्प pos=n,g=m,c=2,n=s
व्यथितस् व्यथ् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
तपस्वी तपस्विन् pos=n,g=m,c=1,n=s