रामायणम् — 2.46.71
Original
Segmented
त्वम् हि त्रिपथगा देवि ब्रह्म-लोकम् समीक्षसे भार्या च उदधि-राजस्य लोके ऽस्मिन् सम्प्रदृश्यसे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
त्रिपथगा | त्रिपथगा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
देवि | देवी | pos=n,g=f,c=8,n=s |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
समीक्षसे | समीक्ष् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
भार्या | भार्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
उदधि | उदधि | pos=n,comp=y |
राजस्य | राज | pos=n,g=m,c=6,n=s |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽस्मिन् | इदम् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
सम्प्रदृश्यसे | सम्प्रदृश् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |