रामायणम् — 2.46.55
Original
Segmented
इत्य् उक्त्वा वचनम् सूतम् सान्त्वयित्वा पुनः पुनः गुहम् वचनम् अक्लीबम् रामो हेतुमद् अब्रवीत् जटाः कृत्वा गमिष्यामि न्यग्रोध-क्षीरम् आनय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इत्य् | इति | pos=i |
उक्त्वा | वच् | pos=vi |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
सूतम् | सूत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सान्त्वयित्वा | सान्त्वय् | pos=vi |
पुनः | पुनर् | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
गुहम् | गुह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अक्लीबम् | अक्लीब | pos=a,g=n,c=2,n=s |
रामो | राम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हेतुमद् | हेतुमत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
जटाः | जटा | pos=n,g=f,c=2,n=p |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
गमिष्यामि | गम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
न्यग्रोध | न्यग्रोध | pos=n,comp=y |
क्षीरम् | क्षीर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आनय | आनी | pos=v,p=2,n=s,l=lot |