रामायणम् — 2.46.50
Original
Segmented
जानामि परमाम् भक्तिम् मयि ते भर्तृ-वत्सल शृणु च अपि यद्-अर्थम् त्वाम् प्रेषयामि पुरीम् इतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जानामि | ज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
परमाम् | परम | pos=a,g=f,c=2,n=s |
भक्तिम् | भक्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
मयि | मद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
भर्तृ | भर्तृ | pos=n,comp=y |
वत्सल | वत्सल | pos=a,g=m,c=8,n=s |
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
यद् | यद् | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
प्रेषयामि | प्रेषय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
पुरीम् | पुरी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
इतः | इतस् | pos=i |